मान्यवर आपका यह आलेख एक अच्छी शुरुआत के बाद मोदी प्रतिमा भंजन में तबदील हुआ एक आग्रह मूलक लेख है जिसमे निष्कर्ष पहले निकाले गए हैं तर्क बाद में जुटाएं हैं .और समापन वाक्य में आपकी यह मंशा बिलकुल साफ़ हो जाती है मोदी का राष्ट्रीय भाषा में संवाद भी आपको खटकता है .कौन सी मोदी ग्रंथि है यह ?कृपया बतलाएं .
गांधी जी होते तो इस शाही उपवास के विरोध में 21 दिनों का फकीरी उपवास जरूर रखते। शाही उपवास की पोल खोल दी आपने। अभिनेता नेता बन रहे हैं और नेता अभिनेता ! वाह, भारत, वाह !
लगता है आपकी कलम से कुछ नया पढ़ने को मिलेगा।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति|
ReplyDeleteनवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं|
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूँ । .प्रस्तुति अच्छी लगी धन्यवाद ।
ReplyDeleteआपने बहुत सटीक तरीके से शाही उपवास के माध्यम से वर्तमान स्थितियों का आकलन किया है .....!
ReplyDeleteमान्यवर आपका यह आलेख एक अच्छी शुरुआत के बाद मोदी प्रतिमा भंजन में तबदील हुआ एक आग्रह मूलक लेख है जिसमे निष्कर्ष पहले निकाले गए हैं तर्क बाद में जुटाएं हैं .और समापन वाक्य में आपकी यह मंशा बिलकुल साफ़ हो जाती है मोदी का राष्ट्रीय भाषा में संवाद भी आपको खटकता है .कौन सी मोदी ग्रंथि है यह ?कृपया बतलाएं .
ReplyDeletevery nice post
ReplyDeleteउपवास पर बहुत सुन्दर आलेख पढ़ने को मिला .आभार.
ReplyDeleteनवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें.
विचारोत्तेजक आलेख के लिए बधाईयाँ ....
ReplyDeleteनवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनाएं ...
गांधी जी होते तो इस शाही उपवास के विरोध में 21 दिनों का फकीरी उपवास जरूर रखते।
ReplyDeleteशाही उपवास की पोल खोल दी आपने।
अभिनेता नेता बन रहे हैं और नेता अभिनेता ! वाह, भारत, वाह !
उपवास के नाम पर राजनीति हो रही है ये ... देश का भला नही होने वाला इससे ...
ReplyDeleteBahut upyogi jankari
ReplyDeleteविजया दशमी पर्व आप सब को मंगलमय एवं शुभ हो ।
ReplyDeleteअन्ना और मोदी के उपवास गांधी का मखौल उड़ाते हैं।
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